Welcome To Aaryan Super Knowledge
Dear members,
एक बार मैं यानि आर्यन सेख आप सब का ज्ञान की दुनिया में आप सबका स्वागत करता हूँ।
ये कहानी मैंने Facebook पर पढ़ी थी मगर इसका हिंदी अनुवाद हिंदीज़ेन नामक वेबसाइट किया
जो मैं आप सब को यहाँ दे रहा हूँ।
“मैं अपने एक मित्र के साथ एक छोटे कॉफीहाउस गया और हमने अपना ऑर्डर दिया. जब हम अपनी टेबल की ओर जा रहे थे तब मैंने देखा कि दो लोग आए और उन्होंने काउंटर पर जाकर कहा:
‘तीन कॉफी. दो हमारे लिए और एक सस्पेंडेड कॉफी’, उन्होंने पैसे दिए और दो कॉफी लेकर चले गए.
मैंने अपने मित्र से पूछा, “ये सस्पेंड कॉफी क्या होती है?”
उसने कहा, “देखो, अभी पता चल जाएगा.”
कुछ और लोग वहां आए. दो लड़कियों ने कॉफी ली और पैसे देकर चलती बनीं. अगला ऑर्डर तीन वकीलों ने दिया – अपने लिए तीन कॉफी और बाकी दो सस्पेंडेड. मुझे सस्पेंडेड कॉफी का चक्कर समझ में नहीं आ रहा था. मौसम बहुत खुशगवार था और मैं कॉफीहाउस की खिड़की से बाहर चौराहे का सुंदर नज़ारा देख रहा था. तभी मैले कपड़े पहने एक गरीब आदमी भीतर आया और उसने काउंटर पर बैठे मैनेजर से बड़ी उम्मीद से पूछा, ‘क्या कोई सस्पेंडेड कॉफी है?’
मैं समझ गया कि लोग अपनी ओर से कीमत अदा करके उन व्यक्तियों के लिए कॉफी का इंतजाम कर रहे थे जो गरीब होने के कारण कॉफी नहीं खरीद पाते. सस्पेंडेड कॉफी खरीदने का यह दस्तूर नेपल्स में शुरु हुआ लेकिन अब यह दुनिया में दूर-दूर तक फैल चुका है और लोग सस्पेंडेड कॉफी ही नहीं बल्कि सैंडविच या पूरा खाना भी ऑर्डर करते हैं.
कितना अच्छा हो यदि दुनिया के हर शहर और कस्बे में ऐसे रेस्तरां या ऐसी राशन की दुकानें भी हों जहां कोई जाकर किसी ज़रूरतमंद की मदद कर सके… उसे थोड़ी खुशी दे सके.
Dear members,
एक बार मैं यानि आर्यन सेख आप सब का ज्ञान की दुनिया में आप सबका स्वागत करता हूँ।
ये कहानी मैंने Facebook पर पढ़ी थी मगर इसका हिंदी अनुवाद हिंदीज़ेन नामक वेबसाइट किया
जो मैं आप सब को यहाँ दे रहा हूँ।
“मैं अपने एक मित्र के साथ एक छोटे कॉफीहाउस गया और हमने अपना ऑर्डर दिया. जब हम अपनी टेबल की ओर जा रहे थे तब मैंने देखा कि दो लोग आए और उन्होंने काउंटर पर जाकर कहा:
‘तीन कॉफी. दो हमारे लिए और एक सस्पेंडेड कॉफी’, उन्होंने पैसे दिए और दो कॉफी लेकर चले गए.
मैंने अपने मित्र से पूछा, “ये सस्पेंड कॉफी क्या होती है?”
उसने कहा, “देखो, अभी पता चल जाएगा.”
कुछ और लोग वहां आए. दो लड़कियों ने कॉफी ली और पैसे देकर चलती बनीं. अगला ऑर्डर तीन वकीलों ने दिया – अपने लिए तीन कॉफी और बाकी दो सस्पेंडेड. मुझे सस्पेंडेड कॉफी का चक्कर समझ में नहीं आ रहा था. मौसम बहुत खुशगवार था और मैं कॉफीहाउस की खिड़की से बाहर चौराहे का सुंदर नज़ारा देख रहा था. तभी मैले कपड़े पहने एक गरीब आदमी भीतर आया और उसने काउंटर पर बैठे मैनेजर से बड़ी उम्मीद से पूछा, ‘क्या कोई सस्पेंडेड कॉफी है?’
मैं समझ गया कि लोग अपनी ओर से कीमत अदा करके उन व्यक्तियों के लिए कॉफी का इंतजाम कर रहे थे जो गरीब होने के कारण कॉफी नहीं खरीद पाते. सस्पेंडेड कॉफी खरीदने का यह दस्तूर नेपल्स में शुरु हुआ लेकिन अब यह दुनिया में दूर-दूर तक फैल चुका है और लोग सस्पेंडेड कॉफी ही नहीं बल्कि सैंडविच या पूरा खाना भी ऑर्डर करते हैं.
कितना अच्छा हो यदि दुनिया के हर शहर और कस्बे में ऐसे रेस्तरां या ऐसी राशन की दुकानें भी हों जहां कोई जाकर किसी ज़रूरतमंद की मदद कर सके… उसे थोड़ी खुशी दे सके.
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